(A) कुम्भलगढ़ दुर्ग
(B) गागरोन दुर्ग
(C) तारागढ़ दुर्ग
(D) चित्तौड़गढ़ दुर्ग
Answer: A
झालीबाब बावड़ी और मामादेव का कुंड कुंभलगढ़ किले दुर्ग स्थित है। मामादेव का कुंड’ – महाराणा कुम्भा इसी कुंड पर बैठे अपने ज्येष्ठ पुत्र उदयसिंह (ऊदा) के हाथों मारे गये थे।
कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान के राजसमन्द ज़िले में स्थित है। कुम्भलगढ़ दुर्ग महाराणा प्रताप की जन्म स्थली रहा हैं। कुम्भलगढ़ दुर्ग की नीव महाराणा कुम्भा ने रखी थी।
अबुल फजल ने कुम्भलगढ़ की उंचाई के बारे में लिखा हैं कि ‘यह इतनी बुलंदी पर बना हुआ हैं कि नीचे से ऊपर देखने पर सिर की पगड़ी गिर जाती हैं’। कुम्भलगढ़ दुर्ग मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी रहा हैं।
कुंभलगढ़ किले की दीवार 38 किलोमीटर तक फैली हुई है और इसकी चौड़ाई इतनी है कि एक साथ 8 घोड़े जा सकते हैं।
कुम्भलगढ़ दुर्ग की नीव महाराणा कुम्भा ने रखी थी।