(A) भील
(B) सहरिया
(C) कालबेलिया
(D) तेरहताली
Answer: C
शंकरिया नृत्य कालबेलिया जनजाति से संबंधित है। कालबेलिया नृत्य राजस्थान राज्य का एक लोक नृत्य है। इसे अन्य नामों, जैसे ‘ सपेरा डांस’ या ‘स्नेक चार्मर डांस‘, से जाना जाता है।
कालबेलिया नृत्य सपेरा जाति द्वारा किया जाता है। इसलिए जाति के नाम के आधार पर ही इस नृत्य को कालबेलिया नृत्य कहा जाता है।
NOTE: कालबेलिया नृत्य को वर्ष 2010 में (UNESCO) की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) की सूची में शामिल किया गया था।
‘गुलाबो सपेरा‘ कालबेलिया नृत्य की प्रसिद्ध नृत्यांगना हैं।
कालबेलिया नृत्य में महिलाएंँ घेरदार काले घाघरे में (काली स्कर्ट) गोल गोल घूमते हुए सर्प की नकल करते हुए नृत्य करती हैं, जबकि पुरुष उनके साथ ‘खंजारी’ (khanjari) और ‘पुंगी’ (Poongi) वाद्य यंत्र बजाते हैं, जो पारंपरिक रूप से सांँपों को पकड़ने हेतु बजाया जाता है।
कालबेलिया जनजाति के प्रमुख नृत्य
शंकरिया नृत्य – प्रेम संबंध दंपति नृत्य पर आधारित है।
पणिहारी नृत्य – पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जाने वाला नृत्य
इंडोनी नृत्य – युगल में पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किया जाने वाला नृत्य
बागड़िया नृत्य – यह नृत्य महिलाओं द्वारा केवल भीख माँगने के दौरान किया जाता है।