(A) राजा सामंतसिंह
(B) राजा किशनसिंह
(C) राजा जगमाल
(D) राजा रूपसिंह
Answer: A
सावंतसिंह (नागरीदास) का समय किशनगढ़ चित्रकला का स्वर्ण काल था। किशनगढ़शैली में वल्लभ संप्रदाय का प्रभाव अधिक था। वल्लभ संप्रदाय के प्रभाव के कारण भगवान श्री कृष्ण के चित्र अधिक बनाए गए।
मोरध्वज निहालचंद ने रसिक बिहारी का व्यक्तिगत चित्र बनाया जिसे “बणी- ठणी” कहा जाता है।एरिक डिक्सन ने बणी -ठणी को भारत की मोनालिसा कहा है।अमीरचंद नामक चित्रकार ने चांदनी रात की गोष्टी नामक चित्र बनाया।
NOTE: एरिक डिक्शन तथा फैयाज अली किशनगढ़ की चित्रकला को प्रकाश में लाए थे।
किशनगढ़ शैली विशेषताएं
· इसमें कांगड़ा शैली का प्रभाव है।
· सफेद और गुलाबी रंगों का प्रयोग अधिक किया गया है।
· हाशिए में हल्का गुलाबी रंग भरा जाता है।
· नारी चित्रों में नाक का आभूषण वेसरी दिखाया गया है।