(A) बाबर
(B) शाहजहाँ
(C) अकबर
(D) जहाँगीर
Answer: C
अकबर ने चित्तौड़ विजय के बाद मेवाड़ में सिक्का एलची जारी किया था।
मेवाड़ रियासत में चलने वाले चांदी के सिक्के द्रव, रूपक, और तांबे के सिक्के कर्षापण प्रचलित थे।
इन सिक्कों पर मनुष्य, पशु पक्षी ,सूर्य, चन्द्र,धनुष,वृक्ष का चित्र अंकित रहता था।
मेवाड़ क्षेत्रों से हुणों द्वारा प्रचलित चांदी और तांबे की गधियां मुद्रा भी प्राप्त हुई है। इन मुद्राओं पर वृषभ, वराहदेवी आदि के अस्पष्ट चिन्ह होने के कारण इन्हें गधैया सिक्के कहा जाता है।