(A) सीकर
(B) बीकानेर
(C) बूंदी
(D) बेंगू
Answer: A
कैप्टेन वेब सीकर में प्रशासनिक नियंत्रण स्थापित करने में असफल रहे, इस असफलता के कारण वेब ने बोखलाहट में कूदण गांव में भयंकर लूटपाट की और गोलियां चलवा दी। इस गोली कांड में तीन व्यक्ति मारे गए। इसके पश्चात गोठरा व पलथाना गांव को भी लूटा गया इन घटनाओं के विरोध में पूरे देश में 26 मई 1935 को सीकर दिवस मनाया गया।
भारत सरकार के हस्तक्षेप के उपरांत 1935 में सीकर के जागीरदार ने किसानों से अंतिम समझौता किया, इस समझौते के तहत चार लाख से अधिक लगान की बकाया राशि को माफ कर दिया जाएगा 1935 के बाद सीकर में किसानों पर अत्याचार समाप्त हो गए और लगान भी काफी कम कर दिया गया अंततः 1946 में शेखावाटी सीकर ठिकाने में भूमि संरक्षण एवं भूमि बंदोबस्त की प्रक्रिया प्रारंभ होने से शांति स्थापित हो गई।
कूदन गाँव का हत्याकांड की चर्चा ब्रिटेन के सदन हाउस ऑफ़ कॉमन्स में की गई थी। इस हत्याकांड की चर्चा हीरालाल शास्त्री कृष्णामाचारी ने की थी।
NOTE: पलथाना, कटराथल, गोठड़ा और कुंदन गांव यह सब शेखावाटी किसान आंदोलन के प्रमुख केंद्र थे।
सीकर, झुंझुनू, चिड़ावा, कटराथल किसान आंदोलन, जयसिंहपुरा हत्याकांड, खुड़ी गांव की घटना, कुदन हत्याकांड, पलथाना आदि को शेखावाटी किसान आंदोलन के रूप में जाना जाता है।