गिरिधर शर्मा नवरत्न I Giridhar Sharma Navratna: गिरिधर शर्मा ‘नवरत्न’ का जन्म 6 जून, 1881 को झालरापाटन, राजस्थान में हुआ था। इनके पिता ब्रजेश्वर शर्मा तथा माता पन्ना देवी थी।
परिचय
- जन्म: 6 जून, 1881 को झालरापाटन, राजस्थान
- पिता: ब्रजेश्वर शर्मा
- माता: पन्ना देवी
- उपनाम: नवरत्न
शिक्षा: गिरिधर जी ने आरम्भिक में घर पर ही हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत, प्राकृत, फ़ारसी आदि भाषाओं की शिक्षा ग्रहण की तथा कालांतर में जयपुर से कान्ह व्यास तथा वीरेश्वर शास्त्री से संस्कृत पञ्च काव्य तथा संस्कृत व्याकरण का अध्ययन किया।
उन्होंने काशी में पंडित गंगाधर शास्त्री से संस्कृत साहित्य तथा दर्शन का विशिष्ट अध्ययन किया।
हिन्दी साहित्य सभा की स्थापना:
- वर्ष 1912 में गिरिधर शर्मा ने झालरापाटन में श्री राजपूताना हिन्दी साहित्य सभा की स्थापना की जिसके संरक्षक झालावाड़ नरेश भवानी सिंह जी को बनाया गया।
- इस सभा का उद्देश्य ‘हिन्दी-भाषा’ की हर तरह से उन्नति करना और हिन्दी भाषा में व्यापार, वाणिज्य, कला कौशल, इतिहास, विज्ञान वैद्यक, अर्थशास्त्र समाज, नीति राजनीति, पुरातत्त्व, साहित्य उपन्यास आदि विविध विषयों पर अच्छे ग्रंथ तैयार करना और सस्ते मूल्य पर बेचना था।
गाँधीजी से गिरिधर शर्मा की मुलाकात के परिणामस्वरूप अगले ही वर्ष लखनऊ के कांग्रेस अधिवेशन में देश की राष्ट्रभाषा हिन्दी घोषित कर दी गई।
गिरिधर जी की प्रमुख रचनाओं: में ‘श्री भवानी सिंह कारक रत्नम्’, ‘अमर शक्ति सुधाकर श्री भवानी सिंह सद्वृत्त गुच्छ:’, ‘नवरत्न नीति:, ‘गिरिधर सप्तशती’, ‘प्रेम पयोधि’, ‘योगी’, ‘अभेद रस:’, ‘माय वाक्सुधा सौरमण्डलम्’, ‘जापान विजय’ इत्यादि शामिल हैं।
गिरिधर शर्मा नवरत्न का निधन 1 जुलाई, 1961 को हुआ था।