(A) गोगाजी
(B) रामदेवजी
(C) पाबूजी
(D) मल्लीनाथजी
Answer: A
राजस्थान के पाँच पीरो मे सबसे पहला नाम गोगाजी जी का आता है। वे हिन्दू तथा मुसलमान दोनों धर्मो में समान रूप से लोकप्रिय थे। इन्हे सर्पों के देवता के रूप में पूजा जाता है। कवि सूर्यमल्ल मिश्रण ने इनके बारे में लिखा है की, जो इन्हे ‘जाहिर पीर’ कहकर पूजते है, उनको सांप का ज़हर नहीं चढ़ता है।
गोगाजी का जन्म 1003 ई. में राजस्थान के चुरू जिले के दादरेवा में रानी बाछल और राजा जेवर के यहाँ नागवंशीय चौहान कुल में हुआ था।
गोगाजी का जन्म स्थल ददरेवा(चूरू) शीर्ष मेड़ी तथा इनका समाधि स्थल धुरमेड़ी कहलाता है।
गोगाजी को गोरखनाथ व महमूद गजनवी के समकालीन मना जाता है। गोगाजी की घोडी का नाम नीली घोड़ी है जिसे ‘गौगा बापा‘ कहते हैं।