(A) राव बीका तथा नेहरा जाट के मध्य समझौते के कारण शहर का नाम बीकानेर पड़ा है।
(B) जोधा ने इस भू-भाग को नेहरा जाट को बेच दिया था जिस कारण इसका नाम बीकानेर पड़ा।
(B) बीकानेरी भुजिया की उत्पत्ति यहां से होने के कारण शहर का नाम बीकानेर पड़ा।
(D) यह भू-भाग बहुत सारे कबीलों के नेताओं के अधिकार में था जिस कारण बीकानेर नाम पड़ा।
Answer: A
राव बीका तथा नेहरा जाट के मध्य समझौते के कारण शहर का नाम बीकानेर पड़ा है।
राव बीका राव जोधा का दूसरा पुत्र था।
राव बीका ने 1465 ईं. में जांगल प्रदेश को जीतकर इस क्षेत्र पर अधिकार कर लिया। राव बीका ने अपनी प्रथम राजधानी ‘कोडमदेसर‘ को बनाया तथा यहाँ भैरव की मूर्ति को स्थापित कर भैरव मंदिर बनवाया।
12 अप्रेल, 1488 ई. में बीकानेर शहर की नीव राव बीका ने करणी माता के आशीर्वाद से बैशाख शुक्ल तृतीया (आखातीज) को रखी। प्रत्येक वर्ष आखातीज को बीकानेर स्थापना दिवस के रूप मे मनाया जाता है।
1488 ई. में राव बीका ने बीकानेर को राठौड़ वंश की राजधानी बनाया।
राव बीका को बीकानेर के राठौड़ वंश का संस्थापक माना जाता है। बीकानेर को प्राचीनकाल में ‘राती-घाटी’ के नाम से जाना जाता था।
NOTE: बीकानेर के राठौड वंश की कुलदेवी नागणेची माता है बीकानेर के राठौड़ वंश की इष्टदेवी करणी माता है।