(A) रुद्रप्रयाग
(B) देवप्रयाग
(C) कर्णप्रयाग
(D) विष्णुप्रयाग
Answer: B
देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी का संगम होता है।
भगीरथी और अलकनंदा नदियों का रूप और स्वरूप अलग-अलग माना जाता है। अलकनंदा शांत होकर बहती है जबकि भगीरथी उछलकूद करती, शोर मचाती अपना उग्र रूप धारण करती हुई देवप्रयाग पहुंचती है। दोनों नदियां देवप्रयाग तीर्थ पर मिलने के साथ ही अपना-अपना स्वरूप और नाम छोड़कर गंगा कहलाती हैं।
देवभूमि उतराखंड में भागीरथी और अलकनंदा नदियों के संगम स्थल पर स्थित है इस देवभूमि के पंच प्रयागों में सबसे पहला प्रयाग देवप्रयाग। जिस का विशेष महत्व वेद पुराणों में माना गया है।
प्रयाग: जहां दो या उससे अधिक नदियों संगम होता है उसे प्रयाग बोलते हैं।