शकुंतला देवी: मानव कंप्यूटर

शकुंतला देवी: मानव कंप्यूटर- शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर, 1929 को बंगलुरु,कर्नाटक में हुआ था। उन्हें “मानव कंप्यूटर” के रूप में जाना जाता है। बचपन से ही वह अद्भुत प्रतिभा की धनी थीं और बड़ी से बड़ी संखाओं की गणना पल भर में ही कर लेती थीं। उनकी प्रतिभा को देखते हुए वर्ष 1982 में  उनका नाम ‘गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में दर्ज कर लिया गया। 6 वर्ष की उम्र में मैसूर विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें अपनी गणना क्षमता का प्रदर्शन करने का अवसर मिला।

मानव कम्प्यूटर शकुंतला देवी जीवन परिचय

नामशकुंतला देवी
विख्यात नाममानव कंप्यूटर
जन्म4 नवंबर 1929
मृत्यु 21 अप्रैल 2013
आयु85
जन्म स्थानबेंगलुरु कर्नाटका
नागरिकताभारतीय
जाति (Caste)कन्नड़ ब्राह्मण

हाइलाइट्स

  • शकुंतला देवी का जन्म बेंगलुरु, कर्नाटक के एक कन्नड़ ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
  • 1977 में 201 का 23वां घात सिर्फ 50 सेकंड्स में बताया।
  • फन विद नंबर्स, मैथब्लीट, पजल्स टू पजल्स यू, ऐस्ट्रॉलजी फॉर यू जैसी किताबें लिखीं
  • 1982 में गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में नाम
  • 21 अप्रैल, 2013 को बेंगलुरु में किडनी की बीमारी से निधन

वर्ष 1977 में शकुंतला ने 201 अंकों की संख्या का 23वाँ वर्गमूल बिना किसी कागज़ व कलम की सहायता लिये ही  निकाल दिया था तथा उनका उत्तर UNIVAC 1101 कंप्यूटर में देखने के लिये US ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड को विशेष प्रोग्राम तैयार करना पड़ा था। बौद्धिक रूप से धनी शकुंतला देवी लेखिका भी थी और उनके  द्वारा लिखित पुस्तक का शीर्षक  “दी वर्ल्ड ऑफ होमोसेक्सुअल (1977)” है।

सम्मान

  • 1969 में फिलिपींस यूनिवर्सिटी ने उनको वुमन ऑफ द इयर के सम्मान से नवाजा।
  • उनको रामानुजन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
  • 1982 में उनका नाम ‘गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स’ में दर्ज किया गया।
  • वर्ष 1969 में फिलीपींस विश्वविद्यालय ने उन्हें “वुमेन ऑफ़ दी ईयर” का दर्जा देते हुए सम्मानित किया था।

निधन

हृदय संबंधी समस्या के कारण 21 अप्रैल, 2013 को बेंगलुरु के एक अस्पताल में उनका देहांत हो गया।