(A) राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र, जोड़बीड़
(B) राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर
(C) केंद्रीय भेड़ और ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर
(D) केंद्रीय पशु प्रजनन केंद्र, सूरतगढ़
Answer: B
भ्रूण स्थानांतरण से पैदा देश की पहली मारवाड़ी बछेड़ी का नाम वैज्ञानिकों ने राज प्रथमा रखा है। इसका जन्म के समय वजन 23 किलो है। अश्व उत्पादन परिसर बीकानेर इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला देश का पहला संस्थान बन गया है।
भ्रूण स्थानांतरित प्रोद्योगिकी में ब्लास्टोसिस्ट अवस्था (गर्भाधान के 7.5 दिन बाद) में एक निषेचित भ्रूण को दाता घोड़ी से एकत्र किया गया। इसे प्राप्तकर्ता घोड़ी (सरोगेट मदर) के गर्भाशय में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। नियत समय लगभग 11 महीने बाद सरोगेट घोड़ी ने एक स्वस्थ बछेडी को जन्म दिया।
भारत में घोड़ों की आबादी तेजी से घट रही है। बांझपन और गैर प्रजनन करने वाली घोड़ी भी इसका एक कारण है। यह तकनीक ऐसे जानवरों से बछेड़ी प्राप्त करने में उपयोगी साबित होगी।