(A) चैत्र
(B) कार्तिक
(C) श्रावण
(D) भाद्रपद
Answer: D
बूंदी में ‘कजली तीज’ का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। कजली तीज को सातुडी तीज, बड़ी तीज और भादवा की तीज भी कही जाती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विवाहित महिलाऐं अपने पति की लम्बी आयु के लिए और अविवाहित युवतियां अच्छे वर की कामना के लिए व्रत रखती है। कजली तीज महिलाओं के सौलह श्रृंगार और पति-पत्नि के प्रेम का प्रतीक है।
तीज माता की मूर्ति को ले जाने वाली सजी-धजी महिलाओं के साथ लोकप्रिय काजली तीज को गढ़ पैलेस में रखे प्रसिद्ध बूंदी लघु चित्रों में भी चित्रित किया गया है।
कजरी तीज के दिन को हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, लंबी अवधि के बाद देवी पार्वती और भगवान् शिव के बीच पुनर्मिलन का दिन माना जाता हैं।
ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार कजली तीज जुलाई या अगस्त के महीने में पड़ता हैं।