बासप्पा दानप्पा जत्ती (बी.डी. जत्ती) I Basappa Danappa Jatti

बी.डी. जत्ती का जन्म 10 सितम्बर, 1912 को बीजापुर (कर्नाटक) ज़िले के सवालगी ग्राम में हुआ था। जब इनका जन्म हुआ, तो गांव में मूलभूत सुविधाओं का सर्वथा अभाव था। इनका गाँव मुंबई प्रेसिडेंसी की सीमा के निकट था इस कारण वहां की भाषा मराठी थी कन्नड़ नहीं।

परिचय

  • जन्म: 10 सितम्बर, 1912 बीजापुर, कर्नाटक
  • पिता: श्री दनप्पा जत्ती
  • पत्नी: संगम्मा

ए. वी. स्कूल की पढ़ाई के पश्चात् बासप्पा सिद्धेश्वर हाई स्कूल बीजापुर गए ताकि मैट्रिक स्तर की परीक्षा दे सकें तथा वर्ष 1929 में उन्होंने मैट्रिक परीक्षा पास कर ली।

वे खेलकूद में भी रुचि रखते थे तथा उन्होंने लगातार दो वर्ष तक लाइट वेट कुश्ती चैम्पियनशिप भी जीती।

अक्टूबर, 1940 में बासप्पा ने मुंबई विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की।

वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में बासप्पा नेप्रजा परिषद् पार्टी की ओर से प्रतिनिधित्व किया तथा पार्टी के सेक्रेटरी पद पर कार्य किया।

18 अप्रैल, 1945 को वे जमाखंडी स्टेट के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए तथा 25 अगस्त, 1947 को प्रजा परिषद् पार्टी की ओर से जमाखंडी स्टेट के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए।

कार्यवाहक राष्ट्रपति का पदभार संभाला

  • 27 अगस्त, 1974 को बासप्पा उपराष्ट्रपति पद का चुनाव काफ़ी अंतर के साथ जीत गए तथा इन्हें 78.7 प्रतिशत मत प्राप्त हुए।
  • 11 फ़रवरी, 1977 को फ़ख़रुद्दीन अली अहमद की मृत्यु राष्ट्रपति पद पर रहते हुए हो गई जिसके उपरांत उन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति का पदभार संभाला।
  • इसके बाद नीलम संजीव रेड्डी देश के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए तथा इनके निर्वाचित होने के बाद भी बी.डी. जत्ती ने 4 सितम्बर, 1977 से 24 सितम्बर, 1977 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति का दायित्व निभाया क्योंकि नीलम संजीव रेड्डी इस दौरान न्यूयार्क में चिकित्सा हेतु गए थे।
  • 1 सितम्बर, 1979 को उपराष्ट्रपति पद की गरिमा के अनुकूल निर्णय लेते हुए इन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया।

निधन:  7 जून, 2002 को उनका निधन हो गया। जीवन के अंतिम समय में वे बंगलौर में थे।