[A] द्रविड़ शैली
[B] बेसर शैली
[C] नागर शैली
[D] पंचायततन शैली
Answer: C
अयोध्या में निर्मित राम मंदिर नागर शैली में बना है।
- मंदिर भूमि पूजन: 5 अगस्त 2020
- रामलाल प्राण प्रतिष्ठा: 22 जनवरी 2024
- गर्भगृह में श्री राम का बालरूप
- मंदिर के वास्तुकार: चंद्रकांत सोमपुरा
- मुख्य पुजारी: आचार्य सत्येंद्र दास
- मूर्तिकार: अरुण योगीराज
नागर शैली
- ‘नागर’ शब्द नगर से बना है। सर्वप्रथम नगर में निर्माण होने के कारण इसे नागर शैली कहा जाता है।
- नागर शैली उत्तर भारत में सातवीं शताब्दी के पश्चात् विकसित हुई है।
- नागर शैली के मंदिर आधार से शिखर तक चतुष्कोणीय होते हैं।
- नागर शैली का प्रसार हिमालय से लेकर विंध्य पर्वत माला तक देखा जा सकता है।
- नागर शैली में शिखर अपनी ऊँचाई के क्रम में ऊपर की ओर क्रमश: पतला होता जाता है।
- ये मंदिर उँचाई में आठ भागों में बाँटे गए हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं- मूल (आधार), गर्भगृह मसरक (नींव और दीवारों के बीच का भाग), जंघा (दीवार), कपोत (कार्निस), शिखर, गल (गर्दन), वर्तुलाकार आमलक और कुंभ (शूल सहित कलश)।