(A) राणा प्रताप
(B) राणा कुंभा
(C) हेमचंद्र विक्रमादित्य
(D) महाराजा सूरजमल
Answer: B
महाराणा कुम्भा को ‘अभिनव भरताचार्य’ के नाम से जाना जाता है।
महाराणा कुम्भा सन् 1433 में चित्तौड़ के शासक बने।
- पिता का नाम: महाराणा मोकल
- माता का नाम: सौभाग्य देवी
महाराणा कुम्भा के शासनकाल की जानकारी ‘एकलिंग महात्म्य’ ‘रसिक प्रिया’, ‘कुम्भलगढ़ प्रशस्ति’ आदि से मिलती हैं।
कुंभाकालीन साहित्य ग्रंथों में कुंभा को महाराजधिराज, रावराय, राणेराय, राजगुरू, हिन्दू सुतारण , अभिनव भरताचार्य की उपाधि दी गई है।
महाराणा कुंभा ने सारंगपुर युद्ध में विजय के उपलक्ष्य में अपने उपास्यदेव (आराध्य देव) विष्णु के निर्मित चित्तौड़ के किले में विशाल विजय स्तंभ (कीर्ति स्तंभ) बनवाया।
महाराणा कुंभा को जीवन के अंतिम दिनों में उन्माद रोग हो गया था । सन् 1468 में कुंभा के पुत्र ऊदा (उदय सिंह) ने महाराणा कुंभा की हत्या कर दी और स्वयं गद्दी पर बैठा।