मंगला नार्लीकर की जीवनी | Biography of Mangala Narlikar

मंगला नार्लीकर एक प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ हैं। मंगला नार्लीकर ने उन्न्त गणित और सरल अंकगणित दोनो मे काम किया और पढाया है। उनकी रुचि के मुख्य क्षेत्र वास्तविक और जटिल विश्लेषण, विश्लेषणात्मक ज्यामिति, संख्या सिद्धांत, बीजगणित और टोपोलॉजी थे।

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मंगला नार्लीकर का संक्षिप्त परिचय

नाममंगला नार्लीकर
जन्म17 मई 1943
स्थान     मंगला राजवाडे, मुंबई
पति        जयंत नार्लीकर
व्यावसायगणितज्ञ
निधन17 जुलाई 2023

मंगला नार्लीकर का जन्म

प्रसिद्ध गणितज्ञ मंगला नार्लीकर का जन्म मंगला राजवाड़े के रूप में 17 मई 1943 को बॉम्बे , बॉम्बे प्रांत में हुआ था, क्योंकि यह स्थान ब्रिटिश भारत के युग के दौरान जाना जाता था।

प्रारम्भिक शिक्षा

मंगला नार्लीकर ने बॉम्बे विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और 1962 में बीए (गणित) और 1964 में एमए (गणित) की डिग्री प्रथम रैंक के साथ प्राप्त की और चांसलर का स्वर्ण पदक भी जीता।

➤मंगला नार्लीक को रियल और कॉम्लेक्सा एनालिसिस एनालिटिक जयोमेट्री नंबर थ्योरी बीजगणित और टोपोलॉजी मे मुख्या रुप से रुचि थी

विवाह: मंगला नार्लीकर ने 1966 में जाने-माने ब्रह्मांडविज्ञानी और भौतिक विज्ञानी, जयंत नार्लीकर से शादी की। उनकी तीन बेटियाँ हैं, गीता, गिरिजा और लीलावती, जिनमें से सभी ने विज्ञान में अपना करियर बनाया है। उनकी बेटी गीता कैलिफोर्निया विश्वाविदयालय, सैन फ्रॉसिस्को मे जैव रसायन की ए प्रोफेसर है  और दोन बेटियॉ कंम्यूटर विज्ञान मे है।

➤1964 से 1966 तक नार्लीकर ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई के स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स में एक शोध छात्र और रिसर्च एसोसिएट के रूप में काम किया। 1967 से 1969 तक उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में स्नातक स्कूल पढ़ाया। 1974 से 1980 तक उन्होंने फिर से टीआईएफआर के गणित के स्कूल में काम किया।

➤मंगला नार्लीकर ने अपनी शादी के 16 साल बाद 1981 में विश्लेषणात्मक संख्या सिद्धांत के विषय पर बॉम्बे विश्वविद्यालय से गणित में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। अपनी डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 1982 से 1985 तक स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स में पूल ऑफिसर के रूप में टीआईएफआर के साथ काम करना जारी रखा।

➤1982 से 1985 तक उनका शिक्षण कार्य बॉम्बे विश्वविद्यालय में गणित विभाग में एम फिल कक्षा के लिए था। उन्होंने 1989 से 2002 तक पुणे विश्वविद्यालय में गणित विभाग में अंतराल पर पढ़ाया और 2006 से 2010 तक भास्कराचार्य प्रतिष्ठान के केंद्र में एमएससी छात्रों को पढ़ाया।

निधन

मंगला नार्लीकर का 17 जुलाई 2023 को 80 वर्ष की आयु में कैंसर से निधन हो गया।