1 December 2022 Current Affairs in Hindi

1 December 2022 Current Affairs in Hindi: नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में 1 दिसम्बर 2022 के सभी महत्वपूर्ण करंट अफेयर्स का संग्रह उपलब्ध करवाया गया है। जो सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे – UPSC, SSC, Bank, Railway, RPSC, Delhi Police, Rajasthan Police SI, Constable, Patwari, Gramsewak एवं अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहद ही उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है। करंट अफेयर्स सिलेबस का सबसे महत्वपूर्ण खंड है। 


FIFA WC 2022: पुरुषों के विश्वकप में पहली महिला रेफरी होंगी फ्रांस की स्टेफनी

FIFA WC 2022: पुरुषों के विश्वकप में पहली महिला रेफरी होंगी फ्रांस की स्टेफनी-https://worldaffairs.myrpsc.in

फ्रांस की स्टेफनी फ्रेपर्ट एक बार फिर इतिहास रचने जा रही हैं। वह एक दिसंबर को कोस्टारिका और जर्मनी के मैच में रेफरी की भूमिका में नजर आएंगी। वह पहली महिला रेफरी होंगी, जो पुरुषों के किसी टूर्नामेंट में फाइनल मैच में रेफरी बनेंगी।

  • अल बायत स्टेडियम में होने वाले इस मैच में ब्राजील के सहायक रेफरी नूजा बैक और मेक्सिको के करेन डियाज मदीना भी फ्रेपर्ट की मदद करेंगे।
  • यह पहली बार नहीं होगा जब 38 वर्षीय फ्रेंच रेफरी ने फुटबॉल इतिहास में अपना नाम लिखा हो। फ्रापार्ट लीग 1 और यूईएफए चैंपियंस लीग खेल में रेफरी करने वाली पहली महिला भी थीं।
  • इसके अलावा इसी विश्व कप में उन्होंने मेक्सिको और पोलैंड के बीच हुए ग्रुप सी मुकाबले में चौथे अधिकारी के रूप में दायित्व संभाला था। वह ऐसा करने वाली पहली महिल रेफरी हैं।
  • पुरुषों के फीफा विश्वकप में पहली बार तीन महिला रेफरियों को शामिल किया गया है। दो अन्य रवांडा की सलीमा मुकानसांगा और जापान की यामाशिता हैं। कतर में हो रहे फीफा विश्व कप 2022 के लिए कुल 36 रेफरी चुने गए हैं। इनमें तीन महिला रेफरी शामिल हैं। इसके अलावा 69 असिस्टेंट रेफरी भी चुने गए हैं, जिसमें ब्राजील की नुजा बैक, मैक्सिको की करेन डियाज मदीना और अमेरिकी कैथरीन नेस्बिटा शामिल हैं।
  • फ्रैपर्ट इससे पहले विश्व कप के क्वालीफाइंग राउंड और चैंपियंस लीग में पुरुषों के मैच में रेफरी रही हैं। उन्होंने 2019 महिला विश्व कप फाइनल में भी रेफरी की जिम्मेदारी संभाली थी। इस साल के पुरुषों के फ्रेंच कप फाइनल में फ्रैपर्ट रेफरी थीं।

नगालैंड स्थापना दिवस

1 दिसंबर को नगालैंड का स्थापना दिवस मनाया जाता है। नगालैंड 01 दिसंबर, 1963 को भारतीय संघ के 16वें राज्य के रुप में अस्तित्व में आया था। नगालैंड पूर्व में म्याँमार, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम तथा दक्षिण में मणिपुर से घिरा हुआ है। नगालैंड तथा म्याँमार के बीच सरामती पर्वत शृंखला प्राकृतिक सीमा बनाती है जो नगालैंड की सबसे ऊँची पहाड़ी भी है। राज्य की लगभग 70% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है तथा यहाँ की मुख्य खाद्य फसल धान है, इसके अलावा कुल कृषि के 70% भाग पर धान की खेती की जाती है।

यहाँ खेती की स्लेश तथा बर्न प्रणाली प्रचलित है जिसे स्थानीय स्तर पर झूम खेती कहा जाता है। राज्य का दीमापुर ज़िला पूरे देश से रेलवे  एवं हवाई यातायात से जुड़ा है। नगालैंड में प्रत्येक वर्ष दिसंबर माह के पहले सप्ताह में ‘हॉर्नबिल उत्सव’ का आयोजन किया जाता है

अग्निकुल कॉसमॉस ने भारत का पहला निजी लॉन्चपैड लांच किया

चेन्नई बेस्ड अंतरिक्ष तकनीक स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस (Agnikul Cosmos) ने हाल ही में आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (SDSC) में भारत का पहला निजी लॉन्चपैड और मिशन नियंत्रण केंद्र खोला है। इसका उद्घाटन 28 नवंबर को इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने किया था। यह उद्घाटन भारत के पहले निजी तौर पर विकसित रॉकेट विक्रम-एस के लांच के कुछ दिनों बाद हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • अग्निकुल लॉन्चपैड और अग्निकुल मिशन कंट्रोल सेंटर चार किलोमीटर दूर हैं। उलटी गिनती के दौरान 100% संचालन सुनिश्चित करने के लिए वे विभिन्न महत्वपूर्ण प्रणालियों के माध्यम से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
  • इस सुविधा को स्टार्टअप अग्निकुल कॉसमॉस द्वारा डिजाइन किया गया था और इसरो और इन-स्पेस के समर्थन से निष्पादित किया गया था।
  • निजी लॉन्च वाहनों को लॉन्च करने के लिए यह पहला एक्सक्लूसिव लॉन्चपैड है।
  • इसे विशेष रूप से लिक्विड स्टेज नियंत्रित लॉन्च का समर्थन करने और लॉन्च के दौरान उड़ान सुरक्षा मापदंडों की निगरानी के लिए इसरो रेंज ऑपरेशंस टीम की मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • यह सुविधा जब भी आवश्यक हो इसरो के मिशन नियंत्रण केंद्र के साथ डेटा और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी साझा कर सकती है।
  • अग्निकुल का अग्निबाण रॉकेट का उद्घाटन इसी लॉन्चपैड से होगा। इस मिशन का उद्देश्य एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक बनना है, जो अग्निकुल के कक्षीय प्रक्षेपण को दर्शाता है, लेकिन कम पैमाने पर।

अग्निबाण रॉकेट क्या है?

  • अग्निबाण रॉकेट (Agnibaan rocket) एक अनुकूलन योग्य दो-चरण वाला लॉन्च वाहन है जो लगभग 700 किमी (कम पृथ्वी की कक्षा) की कक्षाओं में 100 किलोग्राम पेलोड ले जाने में सक्षम है। यह मोबाइल लॉन्च सिस्टम पूरी तरह से 3D प्रिंटिंग का उपयोग करके बनाया गया है। इस रॉकेट के तीन चरण हैं।
  • एग्निलेट भारत में पूरी तरह से डिजाइन और निर्मित होने वाला दुनिया का पहला सिंगल-पीस 3D प्रिंटेड इंजन है। यह ऑक्सीकारक और ईंधन के रूप में तरल ऑक्सीजन और केरोसीन का उपयोग करता है।

मंकीपॉक्स का नाम बदलकर mpox किया गया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने घोषणा की कि वर्तमान में मंकीपॉक्स का नाम बदलकर mpox किया गया है। मंकीपॉक्स का नाम 1970 में रखा गया था ।

हालाँकि, मंकीपॉक्स की उत्पत्ति शायद बंदरों में नहीं हुई थी और इसकी उत्पत्ति से संबंधित ज्ञान अभी भी अज्ञात है। मंकीपॉक्स वायरस वर्तमान में बंदरों के अलावा और भी कई जानवरों में पाया जाता है।

  • इस रोग का नाम 2015 में WHO द्वारा रोगों के नामकरण के सर्वोत्तम तरीकों को प्रकाशित करने से पहले दिया गया था।
  • हाल के प्रकोप के बाद से, विशेषज्ञों ने भेदभाव और कलंक से बचने के लिए रोग का नाम बदलने का सुझाव दिया है, जो लोगों को परीक्षण और टीकाकरण से हतोत्साहित करता है।
  • मंकीपॉक्स ने मुख्य रूप से समलैंगिक पुरुषों को प्रभावित किया था। अमेरिका में, काले और हिस्पैनिक लोग वायरल संक्रमण से असमान रूप से प्रभावित हुए थे।

World Aids Day 2022: 1 दिसंबर

हर साल 1 दिसंबर को दुनिया भर में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। यह एचआईवी से संक्रमित लोगों के लिए समर्थन दिखाने और इस बीमारी से जान गंवाने वाले रोगियों को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। साल 1988 में विश्व एड्स दिवस को पहले इंटरनेशनल हेल्थ डे के रूप में मनाना शुरू किया गया। हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। यह दुनिया भर के लोगों के लिए एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में एक साथ आने, एचआईवी के साथ जी रहे लोगों को सपोर्ट करने और इससे जान गंवाने वालों को याद करने का एक दिन है।

विश्व एड्स दिवस 2022: थीम

विश्व एड्स दिवस 2022 की थीम ‘ Equalize’ है। इसका अर्थ है ‘समानता’, यानी समाज में फैली हुई असमानताओं को दूर करके एड्स को जड़ से खत्म करने के लिए कदम बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।

विश्व एड्स दिवस 2022: इतिहास और महत्व

विश्व एड्स दिवस को पहली बार 1987 में मान्यता दी गई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और व्यक्तियों के बीच एड्स और एचआईवी के बारे में जानकारी के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना है। इसे जिनेवा, स्विट्जरलैंड में विश्व स्वास्थ्य संगठन में दो सार्वजनिक सूचना अधिकारियों जेम्स डब्ल्यू बन्न और थॉमस नेट्टर द्वारा तैयार किया गया था। 30 नवंबर, 2017 को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस घोषित किया।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम

भारत में एड्स को रोकने और नियंत्रित करने के लिए इसे 1992 में लॉन्च किया गया था। अब तक, इस कार्यक्रम के चार चरणों को लागू किया गया है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन इस कार्यक्रम को लागू कर रहा है। वर्तमान में, भारत राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2017-24) को लागू कर रहा है जिसका उद्देश्य 2030 तक एड्स को खत्म करना है।

BSF 1 दिसंबर को अपना 58वां स्थापना दिवस मनाया

सीमा सुरक्षा बल (BSF) 01 दिसंबर 2022 को अपना 58वां स्थापना दिवस मना रहा है। BSF की स्थापना 1 दिसम्बर, 1965 को हुई थी। BSF का आदर्श वाक्य “जीवंत पर्यंत कर्तव्य” है। BSF का वार्षिक बजट लगभग 17,118 करोड़ रुपये है।

बॉर्डर सिक्यूरिटी फ़ोर्स (BSF)

  • BSF भारत की सीमाओं की सुरक्षा करती है, इसे भारतीय क्षेत्र की सीमा सुरक्षा की पहली पंक्ति भी कहा जाता है। यह पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमा की सुरक्षा करता है। BSF 1 दिसम्बर, 1965 को अस्तित्व में आया था, इसका उद्देश्य देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
  • इस निर्माण कई राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन के विलय से किया गया था। यह देश की पांच केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक है, इनका नियंत्रण केन्द्रीय गृह मंत्रालय के पास है। इसका प्रमुख कार्य शांति काल में देश की सीमाओं की सुरक्षा करना है। BSF विश्व का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है। इसमें 186 बटालियन हैं, इसमें 2,57,363 कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या है।
  • इसमें एयर विंग, मरीन विंग, आर्टिलरी रेजिमेंट तथा कमांडो यूनिट भी शामिल हैं। BSF को भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा, भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा तथा नियंत्रण रेखा में भारतीय सेना के साथ तैनात किया जाता है। यह नक्सल विरोधी ऑपरेशन में भी कार्य करता है।