Jnanpith Award 2023: ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने वर्ष 2023 के लिए 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा की है।
Jnanpith Award 2023: ज्ञानपीठ पुरस्कार चयन समिति ने वर्ष 2023 के लिए 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा की है। इस वर्ष यह पुरस्कार दो भाषाओं क्रमशः संस्कृत के लिए जगतगुरु रामभद्राचार्य और उर्दू के लिए विख्यात गीतकार गुलज़ार को दिया जाएगा।
उर्दू कवि गुलज़ार
- भारतीय ज्ञानपीठ से सम्मानित होने वाले सम्पूर्ण सिंह कालरा (1934) ‘गुलज़ार’ नाम से प्रसिद्ध हैं व हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गीतकार हैं।
- प्रसिद्ध गीतकार व उर्दू कवि गुलज़ार को 2002 में उर्दू के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 2004 में पद्म भूषण और कम से कम पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।
जगतगुरु रामभद्राचार्य
- चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक प्रसिद्ध हिंदू आध्यात्मिक नेता, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं।
- उन्हें 2015 में दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा पद्म विभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था ।
NOTE: गोवा के लघु कथाकार, उपन्यासकार, आलोचक और कोंकणी में पटकथा लेखक दामोदर मौजो को 2022 में 57वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
ज्ञानपीठ पुरस्कार के बारे में
- ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत का सबसे पुराना और सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान है।
- 1961 में स्थापित, ज्ञानपीठ पुरस्कार केवल भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में लिखने वाले भारतीय लेखकों को दिया जाता है।
- यह पुरस्कार पहली बार 1965 में मलयालम कवि जी. शंकर कुरुप को उनके कविता संग्रह ओडक्कुझल के लिए दिया गया था।